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कविता मै सुंदर कविता लिखता हूँ मै सुंदर कविता पढ़ता हूँ ज्वला जैसी आग लिए अंदर सीतल जैसा रहता हूँ मै जात पात और पाप को जीवन से दूर रखता हूँ ...